ये चाँद, ये तारे, ये टिमटिमाते जुगनुओं की सरगोशी,
ये घटा, ये बारिश, ये लहराती हवाओं की खामोशी,
ये जुल्फें, ये आँखे, ये सूरख होठों की मदहोशी,
ये भीगा तन, ये बदन, ये कमर में बाहों की डोरी,
ये अदा, ये शर्म, ये हया की अनोखी हमजोली,
ये प्यार, ये इकरार, ये इश़्क के अरमानों की ड़ोली,
ये रेत, ये साहिल, ये सन्नाटा पसर रहा लहर में भी,
ये सादगी, ये ताजगी, ये दिल्लगी है अब समझो भी..।।
©Motivational writter
#दिल्लगी
ये चाँद, ये तारे, ये टिमटिमाते जुगनुओं की सरगोशी,
ये घटा, ये बारिश, ये लहराती हवाओं की खामोशी,
ये जुल्फें, ये आँखे, ये सूरख होठों की मदहोशी,
ये भीगा तन, ये बदन, ये कमर में बाहों की डोरी,
ये अदा, ये शर्म, ये हया की अनोखी हमजोली,