"White कुछ ना उम्मीद बेसहारों के
सहारे बन जाते हैं..
पटाखों के बेवजह शोर से
सहमें बेज़ुबानों को बचाते हैं
एक इंसान बनकर आए हैं हम सब इस धरती पर
आओ रंगों के भेद भूल जाते हैं
चलो इस बार की दिवाली
कुछ नए तरीके से मनाते हैं..
दीपावली की खुशियां जताने को कैडबरी चॉकलेट नहीं
घर के बने लड्डू खिलाते हैं
©आगाज़"