याद है मुझे आज भी आपके कदमों की आहट
जिसे सुनकर छिपती थी दरवाजे के पीछे
और पास आते ही डराने की कोशिश करना
याद है
आपका और अपना हॅ़ंसना भी याद है
अब दरवाजा है
आहट और आवाजें भी हैं कानों में ,
तस्वीरें हैं ऑंखों में,
पर फिर भी
अब न आप हॅंसते हैं ना मैं...
©vidushi MISHRA
#findingyourself बाबा