"निगाहों ने निगाहों से निगाहें जब मिलाई
दिल ने धड़कन से मन की वो बात बताई
पहली झलक आपकी हमने जब देखी थी
मन के बाग में एक कली खिल उठी थी
आपकी पलको से जो वो भोर होने लगी
आपकी मुस्कान से वो लालिमा चलने लगी
आपके अधरो की वो चंचल काया
हो गई एक अनोखी माया
सब अच्छा रहा आपसे मिलने का वो पल
खुद से आपका होने का वो पल
बस हमे अपने रिश्ते में एक नमी नज़र आई
आपने बात नही की बस ये कमी नज़र आई
©GIRJESH GUPTA
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