कविता क्या है ?
कविता कोई अदृश्य आँख है ,
जो अंतर्मन में भी देख सकती है ;
कविता कोई अदृश्य कान है
जो सघन शोर में भी ,
करुण रुदन सुन सकती है
कविता कोई अदृश्य ज़बान है
जो काटें जाने पर भी , बोलती है ,
कविता , कविता है ,
जो न होती तो ,
बहुत कुछ अनदेखा रह जाता ,
बहुत कुछ अनसुना रह जाता ,
बहुत कुछ अनकहा रह जाता ,
कविता हर दौर में लाज़िम है ।
©Rajesh Raana
कविता
#WorldPoetryDay #worldpoetry
#rajeshraana