सुख -दुख दोनों पहलुओं के डोर की गांठ होती हैं बेटि | हिंदी कविता Video

"सुख -दुख दोनों पहलुओं के डोर की गांठ होती हैं बेटियां। सबको ख़ुश रखकर भी ख़ुद रोती हैं बेटियां। कभी पीहर तो कभी ससुराल की शान बढ़ाती हैं बेटियां, बाँट मुस्कान लेतीं ग़म बदले में अक्सर,महान बहुत होती हैं बेटियां। पापा की परी, मम्मी की दुलारी, भाइयों की मान होती हैं बेटियां! ससुराल की रौनक तो पति का जहान होती हैं बेटियां। ©Faniyal "

सुख -दुख दोनों पहलुओं के डोर की गांठ होती हैं बेटियां। सबको ख़ुश रखकर भी ख़ुद रोती हैं बेटियां। कभी पीहर तो कभी ससुराल की शान बढ़ाती हैं बेटियां, बाँट मुस्कान लेतीं ग़म बदले में अक्सर,महान बहुत होती हैं बेटियां। पापा की परी, मम्मी की दुलारी, भाइयों की मान होती हैं बेटियां! ससुराल की रौनक तो पति का जहान होती हैं बेटियां। ©Faniyal

#Betiyan

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