सबको अपना ग़म प्यारा लगता है
अकेले चलते हुए वहीं सहारा लगता है,
साथ छोड़ जाते हैं अपने प्यारे
ग़म को ही साथ निभाना पड़ता है,
खुशियों में सब पूछते है हमसे हाल
दर्द में ग़म ही गले लगाता है,
चलते रहते है सभी मूंद कर आंखें
आंखों में पानी दर्द में ही आता है,
ठोकरें मिलती है जिन्हें अपनों से
उन्हें ग़म में ही जीवन बिताना पड़ता है..!