"करता हूं आज बखान उसके चेहरे का था एक छोटा सा निशान उसके चेहरे पर
छोटी उसकी हाइट थी और दिखने में वह लाइट थी
हंसती थी मुस्कुराती थी जैसी भी थी मुझे अपना बताती थी जब भी मिलती थी अपना दिल है हाल सुनाती थी
कभी रूठती थी कभी इठलाती थी गलती पर मेरे वह गालियां भी सुनाती थी
उसे देख कर पहली बार में हुआ मदहोश था होश में होकर भी बेहोश था
सुंदर थी चंचल थी बस यही मेरी छोटी सी कहानी थी अब क्या है यारों बाकी जिंदगी तो उसके बिना ही बितानी थी
अनिकेत भार्गव
©Aniket Bhargava"