"क्या खूब लिखा है किसी ने...
हर बात का कोई जवाब नहीं होता,
हर इश्क का नाम खराब नहीं होता.....
यूँ तो झूम लेते हैं नशे में पीने वाले,
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता......
ख़ामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते हैं,
हँसती आँखों में भी ज़ख्म गहरे होते हैं...
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते हैं...
किसी ने खुदा से दुआ मांगी...
दुआ में अपनी मौत मांगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दूं मगर...
उसे क्या कहूँ जिसने तेरी जिंदगी मांगी....
हर इंसान का दिल बुरा नहीं होता,
हर एक इंसान बुरा नहीं होता......
बुझ जाते हैं दिये कभी तेल की कमी से,
हर बार कसूर हवा का नहीं होता....
©Ak.writer_2.0
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