White मैं बिखरने की कगार तक टूट सा गया,
और मेरा सब्र है कि टूटता ही नहीं।।
मेरे सफर में हमसफर छूट सा गया,
वो मेरा साया है जो छूटता ही नहीं ।।
बंजर से जज्बात् कलेजा सूख सा गया,
पर आँखों का पानी सूखता ही नहीं ।।
जमाने में हर सख्श जैसे रूठ सा गया,
एक मै हूँ किसी से रूठता ही नहीं।।
©Dr Amit Gupta
#Sad_Status