White "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर | हिंदी शायरी

"White "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।" "तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा, फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।" "जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है, फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।" "ख्वाबों की दुनिया में जीने की चाह रखते हो, फिर हकीकत की राह पर निकल क्यों नहीं जाते।" ©Navneet Thakur"

 White "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है,
फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।"
"जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में,
आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।"
"तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा,
फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।"
"जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है,
फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।"
"ख्वाबों की दुनिया में जीने की चाह रखते हो,
फिर हकीकत की राह पर निकल क्यों नहीं जाते।"

©Navneet Thakur

White "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।" "तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा, फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।" "जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है, फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।" "ख्वाबों की दुनिया में जीने की चाह रखते हो, फिर हकीकत की राह पर निकल क्यों नहीं जाते।" ©Navneet Thakur

#"आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है,
फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।"
"जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में,
आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।"
"तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा,
फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।"
"जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है,
फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।"

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