दयार-ए-आप से छूटे तो कहीं के न रहे चंद सिक्कों पे ताउम्र भटकते ही रहे ये अलग बात थी की हमको महफिलें भी मिलीं घर के आंगन को मगर फिर भी तरसते ही रहे राजीव ©Rajeev Pandey #Dayar #missing_home #Memories Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto