यादें
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अब भी
कभी -कभी ,
तुम और ,
तुम्हारी मासूमियत ,
व
चुहलबाजियाँ ...!
झकझोरती है ,
मेरे मन को ,
मेरे हृदय को ,
और
मेरी सांसो को ...!!
जब --
मैं तन्हा होता हू ,
चुप होता हू ,
और जब ,
गोद मे कुदरत के ,
अंगड़ाई लेता हू ...!
तुम बेचैन...
कर जाती हो ..
अब भी ...!
उसी कल की तरह ....!!
---- अनवर हुसैन अणु भागलपुरी
#sad_dp इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।💔 😢 'दर्द भरी शायरी'
यादें --------- अब भी कभी -कभी , तुम और , तुम्हारी मासूमियत , व चुहलबाजियाँ ...! झकझोरती है , मेरे मन को , मेरे हृदय को , और मेरी सांसो को ...!! जब -- मैं तन्हा होता हू , चुप होता हू , और जब , गोद मे कुदरत के , अंगड़ाई लेता हू ...! तुम बेचैन... कर जाती हो .. अब भी ...! उसी कल की तरह ....!! ---- अनवर हुसैन अणु भागलपुरी