ना जाने कहीं जाने की जल्दी क्यूं है तुम्हें ,
फ़ुरसत से ठहरते किसी शाम तो क्या बात थी,
नज़रें बिछाएं रखतें हैं कई दीदार को तुम्हारे,
यूं कभी हमारी गली आते तो क्या बात थी,
सुनें हैं दिल चुराने में मशहूर तुम्हारे किस्से कई ,
कभी हमसे दिल लगातें तो क्या बात थी,
हमसे दिल लगातें तो क्या बात थी...🤍
©Ritu Rai
#Thoughts