आओ चलो दशहरा मनाये बुराई का अँधियारा मिटाये. | हिंदी कविता

"आओ चलो दशहरा मनाये बुराई का अँधियारा मिटाये...! सत्य की जीत का प्रतिक ये सत्य की राह पे चलते जाये...! हों जो बुराई का अँधियारा मन मे अच्छाई का दीप जलाये...! मार हम अपने मन के रावण को राम ना सही मानव तो कहलाये...! हों सबके जीवन मे सदा उल्लास हर्षित हों खुशियों के गीत गाये,, श्री राम ने किया रावण का अंत हर्षित हों देवता सारे फूल बरसाए..! रावण के अंत से चले धर्म की पुरवाई सम्पूर्ण धरा पर धर्म ध्वजा लहराए..! आओ हम भी रावण को मार अपने अंदर की बुराई मिटाये..! कोई भी रहे ना दुखी सबके दुःख बाट उसके चेहरे पे मुस्कान लाये..! रावण का पुतला बना उसको जलाकर खुशियाँ अनंत हम पाए..! शस्त्र के बिना विजय मुमकिन नहीं शस्त्र पूजा कर विजयोत्सव मनाये...! दशहरा लाये खुशियों की बहार आओ संग मिल झूमें नाचे गाये..! सभी के जीवन से श्री राम दुःखो का तमस हर ले, करता हु कामनाये,, दशहरा आये खुशियाँ लाये आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनायें..! जय श्री राम 🙏 ✍️नितिन कुवादे... 😊 ©Nitin Kuvade"

 आओ  चलो  दशहरा  मनाये
बुराई  का  अँधियारा  मिटाये...!

सत्य की जीत  का  प्रतिक  ये
सत्य  की  राह  पे  चलते  जाये...!

हों  जो  बुराई  का  अँधियारा
मन मे अच्छाई का दीप जलाये...!

मार हम अपने मन के रावण को
राम ना सही मानव तो कहलाये...!

हों  सबके  जीवन  मे  सदा उल्लास
हर्षित हों  खुशियों  के  गीत  गाये,,

श्री राम ने किया रावण का अंत
हर्षित हों देवता सारे फूल बरसाए..!

रावण के अंत से चले धर्म की पुरवाई
सम्पूर्ण धरा पर धर्म ध्वजा लहराए..!

आओ  हम  भी  रावण  को  मार
अपने  अंदर  की  बुराई  मिटाये..!

कोई भी रहे ना दुखी सबके दुःख
बाट उसके चेहरे पे मुस्कान लाये..!

रावण  का  पुतला  बना  उसको
जलाकर खुशियाँ  अनंत  हम  पाए..!

शस्त्र के बिना विजय मुमकिन नहीं
शस्त्र पूजा कर विजयोत्सव मनाये...!

दशहरा  लाये  खुशियों  की  बहार
आओ संग मिल  झूमें  नाचे  गाये..!

सभी के जीवन से श्री राम दुःखो
का तमस हर ले, करता हु कामनाये,,

दशहरा आये खुशियाँ लाये आप सभी
को दशहरे की हार्दिक शुभकामनायें..!

जय श्री राम 🙏
✍️नितिन कुवादे... 😊

©Nitin Kuvade

आओ चलो दशहरा मनाये बुराई का अँधियारा मिटाये...! सत्य की जीत का प्रतिक ये सत्य की राह पे चलते जाये...! हों जो बुराई का अँधियारा मन मे अच्छाई का दीप जलाये...! मार हम अपने मन के रावण को राम ना सही मानव तो कहलाये...! हों सबके जीवन मे सदा उल्लास हर्षित हों खुशियों के गीत गाये,, श्री राम ने किया रावण का अंत हर्षित हों देवता सारे फूल बरसाए..! रावण के अंत से चले धर्म की पुरवाई सम्पूर्ण धरा पर धर्म ध्वजा लहराए..! आओ हम भी रावण को मार अपने अंदर की बुराई मिटाये..! कोई भी रहे ना दुखी सबके दुःख बाट उसके चेहरे पे मुस्कान लाये..! रावण का पुतला बना उसको जलाकर खुशियाँ अनंत हम पाए..! शस्त्र के बिना विजय मुमकिन नहीं शस्त्र पूजा कर विजयोत्सव मनाये...! दशहरा लाये खुशियों की बहार आओ संग मिल झूमें नाचे गाये..! सभी के जीवन से श्री राम दुःखो का तमस हर ले, करता हु कामनाये,, दशहरा आये खुशियाँ लाये आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनायें..! जय श्री राम 🙏 ✍️नितिन कुवादे... 😊 ©Nitin Kuvade

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