छात्रावास का वह कोने वाला कमरा धूल से लदी खिड़किया

"छात्रावास का वह कोने वाला कमरा धूल से लदी खिड़कियां पंखा जो अपनी दिशा से भटका हुआ है अलमारी खाली जो शोक में है चारपाई नग्न अवस्था में खिड़की जो अभी सही स्थिति में है जब भी खुलती है जरूर बोल उठती है.. छात्रावास का वह कोने वाला कमरा खिड़की के उस पार हां थोड़ी हरियाली जरूर है जो उम्मीद जगाए बैठी है खिड़की से अंदर आने वाली हवा ऑक्सीजन दें या ना दे सुकून जरूर देती है कमरे की एक दीवार पर चित्रकारी की एक अमूर्त विरासत है जरूर उब गया होगा छात्र जब इन दीवारों से तब परिवर्तन का बीज फूटा होगा ताकि एक उम्मीद की नई किरण जगे खो ना जाए किसी के सपने उस अंधेरे में थोड़ी हलचल हो हर शाम एक नई सुबह में बदलें.. छात्रावास का वह कोने वाला कमरा आज उसी कोने पर रह गया है चल पड़ा हूं मैं अपने सपनों को ऊंची उड़ान देने उस अंधेरे को चीर तूफानों से लड़ने खुद को खुद से मिलाने चल पड़ा हूं मैं... चल पड़ा हूं मैं... ©DHEEर की ✍️से...."

 छात्रावास का वह कोने वाला कमरा
धूल से लदी खिड़कियां
पंखा जो अपनी दिशा से भटका हुआ है
अलमारी खाली जो शोक में है
चारपाई नग्न अवस्था में 
खिड़की जो अभी सही स्थिति में है
 जब भी खुलती है
 जरूर बोल उठती है..
 छात्रावास का वह कोने वाला कमरा
 खिड़की के उस पार 
 हां थोड़ी हरियाली जरूर है
 जो उम्मीद जगाए बैठी है
 खिड़की से अंदर आने वाली हवा
 ऑक्सीजन दें या ना दे
 सुकून जरूर देती है
 कमरे की एक दीवार पर
 चित्रकारी की एक अमूर्त विरासत है
 जरूर उब गया होगा छात्र जब इन दीवारों से
 तब परिवर्तन का बीज फूटा होगा
 ताकि एक उम्मीद की नई किरण जगे 
 खो ना जाए किसी के सपने उस अंधेरे में
 थोड़ी हलचल हो
 हर शाम एक नई सुबह में बदलें..
 छात्रावास का वह कोने वाला कमरा
 आज उसी कोने पर रह गया है
 चल पड़ा हूं मैं
 अपने सपनों को ऊंची उड़ान देने
 उस अंधेरे को चीर
 तूफानों से लड़ने
 खुद को खुद से मिलाने
 चल पड़ा हूं मैं...
 चल पड़ा हूं मैं...

©DHEEर की ✍️से....

छात्रावास का वह कोने वाला कमरा धूल से लदी खिड़कियां पंखा जो अपनी दिशा से भटका हुआ है अलमारी खाली जो शोक में है चारपाई नग्न अवस्था में खिड़की जो अभी सही स्थिति में है जब भी खुलती है जरूर बोल उठती है.. छात्रावास का वह कोने वाला कमरा खिड़की के उस पार हां थोड़ी हरियाली जरूर है जो उम्मीद जगाए बैठी है खिड़की से अंदर आने वाली हवा ऑक्सीजन दें या ना दे सुकून जरूर देती है कमरे की एक दीवार पर चित्रकारी की एक अमूर्त विरासत है जरूर उब गया होगा छात्र जब इन दीवारों से तब परिवर्तन का बीज फूटा होगा ताकि एक उम्मीद की नई किरण जगे खो ना जाए किसी के सपने उस अंधेरे में थोड़ी हलचल हो हर शाम एक नई सुबह में बदलें.. छात्रावास का वह कोने वाला कमरा आज उसी कोने पर रह गया है चल पड़ा हूं मैं अपने सपनों को ऊंची उड़ान देने उस अंधेरे को चीर तूफानों से लड़ने खुद को खुद से मिलाने चल पड़ा हूं मैं... चल पड़ा हूं मैं... ©DHEEर की ✍️से....

छात्रावास का वह कोने वाला कमरा...😊

People who shared love close

More like this

Trending Topic