माना तेरी नजरों में मैं कुछ नहीं ,
पर मैं भी एक इंसान थी ।।
क्या मिला तुझे मेरे साथ ऐसा खेल खेल कर ,
जब तेरी फितरत में फरेबी वाली चाल थी ।।
मेरी खुशी मेरी हंसी मुझे लौटा दो तुम में यदी इतनी ताकत हैं,
नहीं तो तुम मुझे थोङी सी जहर दे के सुला दो क्यों की अब मुझे जीने की को नहीं चाहत हैं। ।
©p k
#ChaltiHawaa