अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया। जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया। कागज़ मैं दब के मर गए कीड़े किताब के दीवाना बे पड़े –लिखे मशहूर हो गया। महलों में हमने कितने सितारे सजा दिए। लेकिन जमी से चांद बहुत दूर हो गया। तन्हाइयों ने तोड़ दी हम दोनों की आन। आईना बात करने पर मजबूर हो गया।💔🥺
©Hitesh commando
arjit singh #💔🥺