White दर्द से आशना जिंदगी ये रही।
ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है।
जिंदगी के बहुत से अलग घाव हैं।
ये मोहब्बत वोहब्ब्त ये क्या होता है।
जंगलों में शहर सारे उग आए हैं,
और शहर में लगाए है गार्डन कोई।
मां की ममता और बाप की बापता,
ऐसे लगता है जैसे हो वार्डन कोई।
सफलता की नाहक सी इस दौर में,
ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है।।
ठंडे ऑफिस में गर्मागर्म चाय पर,
तितलियों को निहारे हैं भंवरे कई।
गांव में घर भले बन न पाया कभी,
पर शहर में है किराए पे कमरे कई।
भोग को योग संयोग कहते है सब,
ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है।।
बच्चे ले के जमीं को शहर आ गए,
सपने बचपन और गांव घर खा गए।
चार पहियों पर दौड़ती भागती,
तेज रफ्तार से ये सफ़र खा गए।
रिश्ते विस्ते पुराने ख्यालात हैं।
ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है।
भूख आंगन में जब लोटने लगती है।
सावनो का ये पानी उतर जाता है।
खाट पर खांसता बाप छाती पकड़,
बिन दवाई के ही यार मर जाता है।
लड़कियां दौलतों से बियाहने लगी
ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है।
निर्भय चौहान (निरपुरिया )
©निर्भय चौहान
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