होने के सारे खेल मुकद्दर के हो गए,
ये सनम हम तो तेरे हो गए।
लकीरें हाथ में बनाई है तेरे नाम की,
जमाने के लिए हम पराए हो गए।।
बदल दी है कहानी हर जीत की,
हम तो तुमसे हार कर सिकंदर हो गए।
लहरों पर सवार हो कर निकल पड़े मजधर में,
तेरी नजरों से उतर कर हम सितारे हो गए है।।
©Sachin Mishra
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