Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु पर कह नहीं प | हिंदी विचार

"Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु पर कह नहीं पा रही की मुझे कुछ नहीं चाहिए न परिवार न प्यार ना दोस्त ना सुकून क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ सुकुन से ना किसी को याद कर सकू ना किसी को भूल सकू ना अच्छे से सो सकू हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु मै दूर जाना चाहती हूं सब से preeti Uikye 18/12/24 ©Gondwana Sherni 750"

 Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु 
पर कह नहीं पा रही 
की मुझे कुछ नहीं चाहिए 
न परिवार न प्यार ना दोस्त 
ना सुकून 
क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है 
वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से  
वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है 
वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ 
सुकुन से ना किसी को याद कर सकू 
ना किसी को भूल सकू 
ना अच्छे से सो सकू 
हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं 
क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है 
हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना 
क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं 
उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती 
जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती 
क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है 
इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु
मै दूर जाना चाहती हूं सब से

preeti Uikye 
18/12/24

©Gondwana Sherni 750

Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु पर कह नहीं पा रही की मुझे कुछ नहीं चाहिए न परिवार न प्यार ना दोस्त ना सुकून क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ सुकुन से ना किसी को याद कर सकू ना किसी को भूल सकू ना अच्छे से सो सकू हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु मै दूर जाना चाहती हूं सब से preeti Uikye 18/12/24 ©Gondwana Sherni 750

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