तुझमें वो दिलकश फितरत, जो बहारों से जुदा है, फिर | हिंदी कविता

"तुझमें वो दिलकश फितरत, जो बहारों से जुदा है, फिर फूलों की बात क्यों, जब हर खुशी तुझसे अदा है। ©Balwant Mehta"

 तुझमें वो दिलकश फितरत, 
जो बहारों से जुदा है,
फिर फूलों की बात क्यों, 
जब हर खुशी तुझसे अदा है।

©Balwant Mehta

तुझमें वो दिलकश फितरत, जो बहारों से जुदा है, फिर फूलों की बात क्यों, जब हर खुशी तुझसे अदा है। ©Balwant Mehta

#flowers

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