White एक बात तो बताओ
अगर वीरह और वेदना में डूब जाने के बाद
अगर
अनन्त सुख की प्राप्ति हो भी जाए
तो क्या वाकई
इंसान परिपक्व हो जाता है
अपने जीवन यापन के लिए
या
शून्यता की अनुभूति उसे हर सुखों से वंचित कर देती है
या
फिर
जीवन के वास्तविक ज्ञान
और भौतिक सुखों में वो उलझ कर रह जाता है
©vidushi MISHRA
#Sad_Status नये अच्छे विचार