तो सुनता हूं लौटकर अब तूं यहां आना नहीं,, जा | हिंदी शायरी

"तो सुनता हूं लौटकर अब तूं यहां आना नहीं,, जा चले यह शहर भी तेरा नहीं,,,, इससे पहले राह क़दमों से हटे,, अपनी मंज़िल तूं भूल जाना नहीं,,,, सांस दम भर लेना जब जब दिल करे,, राहतों के हो गए फ़िर क्या नहीं,,,, कुछ भी मुमक़िन है तमन्ना यह रहे, श्री ठहर कर भी कभी थमना नहीं,,,, ©Shree Shayar"

 तो सुनता हूं

लौटकर  अब तूं   यहां  आना नहीं,,

जा चले   यह  शहर   भी  तेरा नहीं,,,,

इससे  पहले   राह   क़दमों  से  हटे,,

अपनी मंज़िल  तूं  भूल जाना  नहीं,,,,

सांस दम भर लेना जब जब दिल करे,,

राहतों के  हो  गए   फ़िर  क्या  नहीं,,,,

कुछ भी मुमक़िन  है  तमन्ना यह  रहे,

श्री ठहर कर भी  कभी  थमना  नहीं,,,,

©Shree Shayar

तो सुनता हूं लौटकर अब तूं यहां आना नहीं,, जा चले यह शहर भी तेरा नहीं,,,, इससे पहले राह क़दमों से हटे,, अपनी मंज़िल तूं भूल जाना नहीं,,,, सांस दम भर लेना जब जब दिल करे,, राहतों के हो गए फ़िर क्या नहीं,,,, कुछ भी मुमक़िन है तमन्ना यह रहे, श्री ठहर कर भी कभी थमना नहीं,,,, ©Shree Shayar

श्री

#aahat

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