राह चलते- चलते ,
जिंदगी सवारली उसने ,
हजारो कांटे रास्तो मे थे !
दुनिया बेमीसाल की उसने !
वह मेरी माँ है !
ना खाना खाया ,
ना थकी कभी !
चलते - चलते ,
ना रुकी कभी
वह मेरी माँ है !
पाणी की तरह,
घुली मिली सब मे ,
सिखाती रही ,
दिलसे !
वह मेरी माँ है !
स्वप्नkavi
7028745643
#bestmoment