कैसे बताऊं मैने क्या सपना देखा
यूं कह लो तुझे होता हुआ अपना देखा
की आप खो चुके खुद को, मेरे प्यार में थे
बड़ी बेसबरी से हमसे मिलने के इंतजार में थे
हम सफर में थे और तुमसे ही बात हो रही थी
तुम तक पहुंचते पहुंचते दोपहर से रात हो रही थी
फिर खतम तेरी आंखों का इंतजार हो गया
मेरी आंखों को भी तेरी आंखों का दीदार हो गया
पहली दफा मेरी मौजूदगी से तुम डरी नही
दूर रहने की बाते तक करी नहीं
की नाम मेरे तेरी एक एक सांस थी
वो मुलाकात वो घड़ियां इतनी खास थी
सुनाई दे रही थी मुझे हर धड़कन तेरी
तू ख्वाबों में मेरे इतना ज्यादा पास थी
फूल मोहब्बत के सारे के सारे खिल चुके थे
ख्वाबों में आप मेरे होकर मुझे मिल चुके थे।
©शायर_Sarkaari
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