"है प्रतीक्षा बड़ी व्यस्तताओं से मुक्ति मिले
अवकाश लेकर समस्त मित्रमंडली मिले
पर नित नई व्यस्तताओं से जूझने लगें है
और ना चाहते हुए भी पीछे छूटने लगे हैं
प्रयासों का पराक्रम तेजहीन प्रतीत होता है
जब स्वयं के लिए मन अवकाश खोजता है
बबली भाटी बैसला
©Babli BhatiBaisla"