White बुराई जितनी गुज़रे ज़माने मे थीं आज भी उतनी | हिंदी Poetry

"White बुराई जितनी गुज़रे ज़माने मे थीं आज भी उतनी बल्कि पहले से ज्यादा हैँ आज अच्छा आदमी और अच्छाई को डुंडा जाय तो बमुश्किल मिलते हैँ जबकि बुरा आदमी और बुराई हर गली मोहल्ले मे दिख जाती हैँ ©Parasram Arora"

 White बुराई  जितनी गुज़रे ज़माने मे थीं  आज भी उतनी बल्कि पहले से ज्यादा हैँ 

आज  अच्छा  आदमी और अच्छाई को डुंडा जाय तो बमुश्किल मिलते हैँ
 जबकि बुरा आदमी और बुराई   हर गली  मोहल्ले मे 
दिख जाती हैँ

©Parasram Arora

White बुराई जितनी गुज़रे ज़माने मे थीं आज भी उतनी बल्कि पहले से ज्यादा हैँ आज अच्छा आदमी और अच्छाई को डुंडा जाय तो बमुश्किल मिलते हैँ जबकि बुरा आदमी और बुराई हर गली मोहल्ले मे दिख जाती हैँ ©Parasram Arora

अच्छाई बुराई

People who shared love close

More like this

Trending Topic