White मधुशाला का नित्य निमंत्रण,
जो दिलवा दे , मित्र वही है।
व्यथित हृदय हो धूम्र दंडिका,
स्वयं जला दे , मित्र वही है।
मधु-पात्रों में भर कर मदिरा,
पैग बना दे , मित्र वही है।
सुरा विसुध हो जाऊँ जब मैं,
घर पहुँचा दे , मित्र वही है।
🍺🥃
मित्रता दिवस की शुभकामनाएं।
©अंकुरनामा
#Sad_shayri #अंकुरनामा