रिस्तो के बाजार में बिकती है खुशिया खरीददार गम के | हिंदी Poetry

"रिस्तो के बाजार में बिकती है खुशिया खरीददार गम के भी मिल जाएंगे बदले में चांद सिक्को के बदलती है किस्मत भी ताकत बस सिक्को में होनी चाहिए ये खुशिया ये गम क्या है बस चांद सिक्को की मोहताज है वसूल और इरादे कच्चे है खनक सिक्को मे जोरदार चाहिए इज्जत या बगावत क्या है सिक्को की खनक है दोस्ती या दुश्मनी क्या है सिक्को में वजन चाहिए बदलने की ये दौलत ये सोहरत बस रेत की तरह है जितना कस के पकरो फिसालती ही जाती है हाथो से बस फिसालती ही जाती है ।। ©Dr kumar Shanu"

 रिस्तो के बाजार में बिकती है खुशिया
 खरीददार गम के भी मिल जाएंगे 
बदले में चांद सिक्को के

 बदलती है किस्मत भी 
ताकत बस सिक्को में होनी चाहिए

 ये खुशिया ये गम क्या है
बस चांद सिक्को की मोहताज है

 वसूल और इरादे कच्चे है
खनक सिक्को मे जोरदार चाहिए

 इज्जत या बगावत क्या है
 सिक्को की खनक है 

दोस्ती या दुश्मनी क्या है
सिक्को में वजन चाहिए बदलने की

ये दौलत ये सोहरत बस रेत की तरह है 
जितना कस के पकरो
 फिसालती ही जाती है
 हाथो से बस फिसालती ही जाती है ।।

©Dr kumar Shanu

रिस्तो के बाजार में बिकती है खुशिया खरीददार गम के भी मिल जाएंगे बदले में चांद सिक्को के बदलती है किस्मत भी ताकत बस सिक्को में होनी चाहिए ये खुशिया ये गम क्या है बस चांद सिक्को की मोहताज है वसूल और इरादे कच्चे है खनक सिक्को मे जोरदार चाहिए इज्जत या बगावत क्या है सिक्को की खनक है दोस्ती या दुश्मनी क्या है सिक्को में वजन चाहिए बदलने की ये दौलत ये सोहरत बस रेत की तरह है जितना कस के पकरो फिसालती ही जाती है हाथो से बस फिसालती ही जाती है ।। ©Dr kumar Shanu

#Life #drksy

People who shared love close

More like this

Trending Topic