संघर्ष की कोई सीमा नहीं दोषारोपण की भी मंशा नहीं | हिंदी कविता

"संघर्ष की कोई सीमा नहीं दोषारोपण की भी मंशा नहीं चल रहे हैं अनवरत मार्ग जो मिलता रहा आखरी पड़ाव पर आंकलन होगा जरूर कौन गिराने की फिराक में कितना गिरा और कौन किसी को गिराए बगैर अन्त तक खड़ा रहा बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla"

 संघर्ष की कोई सीमा नहीं 
दोषारोपण की भी मंशा नहीं 



चल रहे हैं अनवरत मार्ग जो मिलता रहा 
आखरी पड़ाव पर आंकलन होगा जरूर 

कौन गिराने की फिराक में कितना गिरा
और कौन किसी को गिराए बगैर अन्त तक खड़ा रहा 
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla

संघर्ष की कोई सीमा नहीं दोषारोपण की भी मंशा नहीं चल रहे हैं अनवरत मार्ग जो मिलता रहा आखरी पड़ाव पर आंकलन होगा जरूर कौन गिराने की फिराक में कितना गिरा और कौन किसी को गिराए बगैर अन्त तक खड़ा रहा बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla

KK क्षत्राणी @R Ojha @Ravi Ranjan Kumar Kausik @Vikram vicky 3.0 @RAMA Goswami @Sethi Ji

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