जिन्हें हम अपना समझते रहें, वे गैरों की तरह पेश आत | हिंदी Shayari

"जिन्हें हम अपना समझते रहें, वे गैरों की तरह पेश आते रहे। हमने हर बार माफ़ किया उन्हें, और वे हर बार हमें आज़माते रहे।। ©Nobita"

 जिन्हें हम अपना समझते रहें,
वे गैरों की तरह पेश आते रहे।

हमने हर बार माफ़ किया उन्हें,
और वे हर बार हमें आज़माते रहे।।

©Nobita

जिन्हें हम अपना समझते रहें, वे गैरों की तरह पेश आते रहे। हमने हर बार माफ़ किया उन्हें, और वे हर बार हमें आज़माते रहे।। ©Nobita

shayari in hindi sad shayari zindagi sad shayari sad shayari

People who shared love close

More like this

Trending Topic