सुनो..
कहानी मे दो लड़कियां होगी
एक वो जों अच्छे वक्त मे साथ होगी
दूसरी वो जो तुम्हारे संघर्ष में तुम्हारे साथ खड़ी रहेगी..
एक जिसके कहानी मे तुम मुख्य किरदार रहोगे
दूसरी जो तुम्हारी कहानी की वजह होगी..
एक वो जो तुम्हारे घर की चौखट पार करके आ गई है..
एक जो तुम्हारे घर को सजाने की ख्वाब देखे होंगे..
एक जो तुम्हारे नसीब में होगी
दूसरी जो तुम्हारे ख्वाबों में होगी..
एक वो जो तुम्हारे साथ ज़िन्दगी जी रही होगी..
दूसरी वो जिसने तुम्हारे साथ सपने देखे होंगे..
एक वो जिससे घरवाले तुम्हे मिलवायेगे..
दूसरी वो जिसे तुम अपने घरवालो से मिलवाना चाहते थे..
एक जो तुम्हारे साथ हकीकत देखेगी
दुसरी वो जिसने तुम्हारे सपने देखे थे..
एक जिसका काम के बीच कॉल आयेगा..
दूसरी वो जिसके कॉल के बीच मे काम आयेगा..
एक जिसका ज़िक्र तुम्हारे खानदान में होगा
दूसरी वो जिसकी चर्चा तुम्हारे घर और दोस्तों में होगी...
एक जिसे इशारे करने की भी जरूरत नहीं होगी
दूसरी वो जो शब्दों से रो-रोकर हारी थी..
एक जिसके साथ तुम्हें राते गुज़रेगीं
दूसरी वो एक जो अब तुम्हारे बिना रातों में सुकून ढूंढेंगी..
आखिर में जब एक लड़की कहानी बन जाएगी तुम
अपनी बेटी को पास बुलाकर यह कविता उसकी जेब में
डालना और कहना कहानी में दो लड़कियां होंगी कभी
दूसरी लड़की मत बनना..!
✒️
शिरीन अहमद
©Shireen Ahmed