कब होंगे तेरे सपने पूरे..? जो लगते हैं तुझे अधूरे. | हिंदी Poetry Vide

"कब होंगे तेरे सपने पूरे..? जो लगते हैं तुझे अधूरे..? रात रात तू जागता है ये चारो तरफ से तुझको घेरे..! कोशिश कर बुलंद रह...| फिर हिम्मत क्यों तू हार रहा..! ये बात समझ में आती नहीं.? किस बात का डर स्वीकार रहा..! तू मन ही मन में कोस रहा..! इस बात को हर पल सोच रहा..! कब होंगे तेरे सपने पूरे..? जो लगते है तुझे अधूरे..? तेरे सपनों का एक दिया तेरे मात पिता के अंदर है..! कहीं बुझ ना जाए वो दिया इस सोच में तेरा जीवन है..! उस लौ को बचाना मुश्किल है पर नामुमकिन वो काम नहीं..! जो मात पिता के सपने तोड़े शायद वो इंसान नहीं..! उनके आंसू का तिनका तिनका तेरे अंदर ही पनप रहा..! तू देख सही तेरी मां का चहरा कैसे वो चहरा सिसक रहा..! तुझे लड़ना है..! तुझे करना है..! तू ठान ले अब इस बात को हां होंगे तेरे सपने पूरे..! जो लगते थे तुझे अधूरे..! ©पूर्वार्थ "

कब होंगे तेरे सपने पूरे..? जो लगते हैं तुझे अधूरे..? रात रात तू जागता है ये चारो तरफ से तुझको घेरे..! कोशिश कर बुलंद रह...| फिर हिम्मत क्यों तू हार रहा..! ये बात समझ में आती नहीं.? किस बात का डर स्वीकार रहा..! तू मन ही मन में कोस रहा..! इस बात को हर पल सोच रहा..! कब होंगे तेरे सपने पूरे..? जो लगते है तुझे अधूरे..? तेरे सपनों का एक दिया तेरे मात पिता के अंदर है..! कहीं बुझ ना जाए वो दिया इस सोच में तेरा जीवन है..! उस लौ को बचाना मुश्किल है पर नामुमकिन वो काम नहीं..! जो मात पिता के सपने तोड़े शायद वो इंसान नहीं..! उनके आंसू का तिनका तिनका तेरे अंदर ही पनप रहा..! तू देख सही तेरी मां का चहरा कैसे वो चहरा सिसक रहा..! तुझे लड़ना है..! तुझे करना है..! तू ठान ले अब इस बात को हां होंगे तेरे सपने पूरे..! जो लगते थे तुझे अधूरे..! ©पूर्वार्थ

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