अनकहे कुछ अनदेखे सपने
जिनमें मिल जाते हैं अपने
और एकदीन आइना आता है
हमें हकीकत दिखलाता है
महज़ अभी तक ख्वाब सभी थे
जिसके भी तुम साथ अभी थे
उसने तुमको छोड़ दिया है
बिन सोचे मुंह मोड़ लिया है
हमने इश्क़ निभाया फिर भी
जानते थे है जाया फिर भी
उसको नही अब कदर हमारी
कभी जिसे थी फिकर हमारी
सारे सपने चूर हुए हैं
हम कितने मजबूर हुए हैं
उसने सब कुछ साफ लिखा है
जानिब था अब ख़ाक लिखा है
परिंद शजर को छोड़ चुके है
घर वाले घर तोड़ चुके है
©Shiv Anand
#snowpark #Love