प्यार तो छोड़ो हमारी दोस्ती तक टूट गई है,
हमारे दरमियां जो बातें हुआ करती थी वो वक्त से पहले छूट गई है,
बहुत जलील हुई हूं मैं लोगों से तेरी कसम,
हर रोज बिना बात के सुनाता और कोई है ,
अगर आज तू साथ होता तो मैं भी पहले जैसी नहीं थी,
मेरे पर कोई ऊंगली उठाए इतनी तो किसी की हिम्मत नहीं थी,
तूने छोड़ दिया इसमें मेरी क्या खता थी,
किसी को चाहने की ऐसी भी सजा मिलती है पता नहीं था,
मैनें तो वो इश्क़ किया जो करना नहीं था,
तू वसंत की तरह जिंदगी में आया था,
पीछे तूफ़ान भी आएगा इसका मुझे पता नहीं था,
वसंत के साथ तू भी तो चला गया था,
पीछे से इस तूफान ने मुझे घेर लिया था,
इसी तूफान ने हमारा रिश्ता तबाह कर दिया था,
बात सिर्फ़ मेरी होती तो जवाब भी मेरे पास था,
बात हमारी बातों पर आकर ठहर गई थी,
लोगों ने सवाल दोस्ती पर तब उठाए जब तू नहीं था,
जवाब नहीं दे पाती क्योंकि सवाल में तेरा ही नाम था,
अब सुनने की सारी हदें पार हो गई तो क्या हुआ
सुनने के लिए सबसे पहला नाम मेरा ही आया था,
फिर भी सबकुछ चुपचाप सुनना ही सही था,
अगर कुछ बोलती तो बदनाम मेरा ही होना तय था,
तुम क्यों बोलते तुम्हें तो सभी के साथ दोस्ती को निभाना था,
इसके लिए किसी एक छोड़ना कोई मुश्किल काम नहीं था,
एक छोड़ गया वो दर्द भी काफ़ी नहीं था,
लोगों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी जब जब मुझे अकेला देखा था,
छोड़ जाने से ज्यादा तकलीफ़ लोगों को ताने सुनने से होती है,
कभी भी किसी के रास्ते में नहीं आती,
अगर पहले से ही बताया गया होता ये रास्ता ऐसा होता है,
इस सच का इतिहास गवाह है,
लड़को ने हमेशा अपना परिवार और समाज चुना है,
एक लड़की को हमेशा आखिरी में लोगों से जलील होने के लिए छोड़ा जाता है,
©कवयित्री पिंकी कंवर
#ChaltiHawaa