Coronaकाल:-
वो भी क्या वक़्त था..
कहीं वो परवरिश हार गई,
जब एक बेटे को पिता के शव का,
बहिष्कार करते देखा,
कहीं वो धर्मभेद हार गया,
जब एक मुसलमान को,
शव का अंतिम संस्कार करते देखा..
कहीं वो परवरिश जीत गई,
जब एक बेटी को पिता के लिए,
मिलो की दूरी तय करना,
स्वीकार करते देखा...
©kajal sinha
#stay_home_stay_safe