सुबह-सुबह का सूरज देखो नई लालिमा लेकर आता है पंख ल | हिंदी Poetry

"सुबह-सुबह का सूरज देखो नई लालिमा लेकर आता है पंख लगाकर उजली धूप सुनहरी सी बरसाता है चिड़िया का भी मीठा गाना अब कानों को भाता है फूलों का भी मुस्कराना दिल को खूब लुभाता है हाथ उठाकर कर रब को छूना मुझको बहुत लुभाता है तमन्ना बस यही दिल से परिन्दों में उड़ान भर देना नई आशाओं को चूमे वो नव गीत को बुन लेना।। © Usha Rani"

 सुबह-सुबह का सूरज देखो
नई लालिमा लेकर आता है
पंख लगाकर उजली धूप
सुनहरी सी बरसाता है
चिड़िया का भी मीठा गाना
अब कानों को भाता है
फूलों का भी मुस्कराना
दिल को खूब लुभाता है
हाथ उठाकर कर रब को छूना
मुझको बहुत लुभाता है
तमन्ना बस यही दिल से
परिन्दों में उड़ान भर देना
नई आशाओं को चूमे वो
नव गीत को बुन लेना।।

©  Usha Rani

सुबह-सुबह का सूरज देखो नई लालिमा लेकर आता है पंख लगाकर उजली धूप सुनहरी सी बरसाता है चिड़िया का भी मीठा गाना अब कानों को भाता है फूलों का भी मुस्कराना दिल को खूब लुभाता है हाथ उठाकर कर रब को छूना मुझको बहुत लुभाता है तमन्ना बस यही दिल से परिन्दों में उड़ान भर देना नई आशाओं को चूमे वो नव गीत को बुन लेना।। © Usha Rani

सुबह

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