*न निर्मिता केन न दृष्टपूर्वा न श्रूयते हेममयी कुरङ्गी।*
*तथाऽपि तृष्णा रघुनन्दनस्य विनाशकाले विपरीतबुद्धिः॥*
*अर्थात*
*सोने की हिरणी न तो किसी ने बनायी, न किसी ने इसे देखा और न यह सुनने में ही आता है कि हिरणी सोने का भी होती है। फिर भी रघुनन्दन की तृष्णा देखिये ! वास्तव में विनाश का समय आने पर बुद्धि विपरीत हो जाती है।*
꧁𝒬☞︎︎︎ *सुप्रभातम्* ☜︎︎︎𝒬꧂
©kinnari
#2023Recap