White मन का संयम टुटा जाय,
जब तू मेरे सामने आये,
बिखरी जुल्फे, झुकी सी पलके
देखे तू जो रुक रुक मुड़के,
छुई मुई सी तू आती है
नजरों से छू लूँ तो कुम्हालाये,
मन का संयम टुटा जाय,
जब तू मेरे सामने आये
कंचन सा तन, फूलो सा मन
मस्त पवन सी चाल तुम्हारी
हिरणी जैसे तेरे चितवन
मन पर कैसे काबू पाए
मन का संयम टुटा जाय,
जब तू मेरे सामने आयेj
जुल्फों मे सावन, गालो मे फागुन
मधुशाला से होंठ तुम्हारे
तुझे देखने की खातिर फरिश्ते
बैठे है हर पल पलक बिछाये
मन का संयम टुटा जाय,
©मेरे अल्फाज़ मेरा दर्द
#Sad_shayri