a-person-standing-on-a-beach-at-sunset का फ़ि र | हिंदी Shayari

"a-person-standing-on-a-beach-at-sunset का फ़ि र की ये जु बां स वा ली है। लाख इबादत बाद भी हाथ खाली है। मकाफ़त-ए-अमल है या ना-दिली की हसरत या तो खुदा रूठा है या मेरी मोहब्बत जाली है।। ©Rohit Bhargava (Monty)"

 a-person-standing-on-a-beach-at-sunset का फ़ि र   की   ये   जु बां   स वा ली   है।
लाख  इबादत  बाद  भी  हाथ  खाली  है।
मकाफ़त-ए-अमल है या ना-दिली की हसरत 
या तो खुदा रूठा है या मेरी मोहब्बत जाली है।।

©Rohit Bhargava (Monty)

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset का फ़ि र की ये जु बां स वा ली है। लाख इबादत बाद भी हाथ खाली है। मकाफ़त-ए-अमल है या ना-दिली की हसरत या तो खुदा रूठा है या मेरी मोहब्बत जाली है।। ©Rohit Bhargava (Monty)

#SunSet sad shayari

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