सब कहते हैं शायर हूं मैं
सच तो ये है कायर हूं मैं
बाहों में तिरे क्यों रहना है
जब तिरे दिल से बाहर हूं मैं
चोटी खींचे पर कहती है
पागल हो क्या, पागल हूं मैं
सब हंसते हैं पतलेपन पर
छोड़ो हंसने लायक हूं मैं
कोई नाचे कैसे मुझमें
एक टेड़ा सा आंगन हूं मैं
मुझे कोठा पर बेचा जिसने
उसके लिए बस काग़ज़ हूं मैं
सारी दुनिया जो भी समझे
अपने घर का नायक हूं मैं
©RAVISHANKAR PAL
#Alive #Nojoto #indentity #Love RAVINANDAN Tiwari कवि संतोष बड़कुर Praveen Storyteller @?? @MM Mumtaz