हर सैय मैं तुम जज्बात में तुम उभरते हुए बिचार में | हिंदी Poetry

"हर सैय मैं तुम जज्बात में तुम उभरते हुए बिचार में तुम तुम्हें ही ढूंढा था तुम्हें ही पया हु मै बुरा सही तुम सबके प्यारे हो मुझे परवा नहीं किसी की तुम्हरी करता हूँ गुजरे नहीं है अव 36 घंटे भी हालात बहुत बुरे हैं अपने होगे तुम बहुत के सपने लग रहे तो सिर्फ हमारे अपने 30 सालो में मै तन्हा रहा पाया तुमने मुझे काहा काहा ना ढूंढा तुम्हें इस गली उस नगर चौराहे पर क्या हाय लिखु तुम पर ये शब्द काम पर जायेंगे मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन मुस्किल है सच मी जीना तुम्हारे बिना मांग लो जान दे दूंगा तुम जो कहो वो भी कर दूंगा सेना अधिकारी हु ना जिद्दी बारा हू तुम भी ऑफिसर की बेटी हो जिद तुम्हें वभी विरासत में मिली होगी लेकिन इस जहद्दोजाहद मे इस दिल का क्या करे जो सिर्फ तुम्हारी उम्मीद लगाए बैठा है नहीं आती मुझे इम्प्रेस करने क्या कहु क्या करू चांद तोर के लाना तारो से बात करना कोसिस करूंगा लेकिन सिर्फ तुम्हारा हाय हो कर रहूंगा... सिर्फ तुम्हारा हाय हो कर रहूंगा... ©Dr kumar Shanu"

 हर सैय मैं तुम
जज्बात में तुम
उभरते हुए बिचार में तुम
तुम्हें ही ढूंढा था
तुम्हें ही पया हु

मै बुरा सही
तुम सबके प्यारे हो
मुझे परवा नहीं किसी की
तुम्हरी करता हूँ
गुजरे नहीं है अव 36 घंटे भी
हालात बहुत बुरे हैं अपने
होगे तुम बहुत के सपने
लग रहे तो सिर्फ हमारे अपने

30 सालो में मै तन्हा रहा
पाया तुमने मुझे
काहा काहा ना ढूंढा तुम्हें
इस गली उस नगर चौराहे पर
क्या हाय लिखु तुम पर
ये शब्द काम पर जायेंगे
मैं कुछ नहीं कह सकता
लेकिन मुस्किल है सच मी जीना तुम्हारे बिना
मांग लो जान दे दूंगा
तुम जो कहो वो भी  कर दूंगा

सेना अधिकारी हु ना
जिद्दी बारा हू
तुम भी ऑफिसर की बेटी हो
जिद तुम्हें वभी विरासत में मिली होगी
लेकिन इस जहद्दोजाहद मे
इस दिल का क्या करे
जो सिर्फ तुम्हारी उम्मीद लगाए बैठा है

नहीं आती मुझे इम्प्रेस करने
क्या कहु क्या करू
चांद तोर के लाना
तारो से बात करना

कोसिस करूंगा
लेकिन सिर्फ तुम्हारा हाय हो कर रहूंगा...
सिर्फ तुम्हारा हाय हो कर रहूंगा...

©Dr kumar Shanu

हर सैय मैं तुम जज्बात में तुम उभरते हुए बिचार में तुम तुम्हें ही ढूंढा था तुम्हें ही पया हु मै बुरा सही तुम सबके प्यारे हो मुझे परवा नहीं किसी की तुम्हरी करता हूँ गुजरे नहीं है अव 36 घंटे भी हालात बहुत बुरे हैं अपने होगे तुम बहुत के सपने लग रहे तो सिर्फ हमारे अपने 30 सालो में मै तन्हा रहा पाया तुमने मुझे काहा काहा ना ढूंढा तुम्हें इस गली उस नगर चौराहे पर क्या हाय लिखु तुम पर ये शब्द काम पर जायेंगे मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन मुस्किल है सच मी जीना तुम्हारे बिना मांग लो जान दे दूंगा तुम जो कहो वो भी कर दूंगा सेना अधिकारी हु ना जिद्दी बारा हू तुम भी ऑफिसर की बेटी हो जिद तुम्हें वभी विरासत में मिली होगी लेकिन इस जहद्दोजाहद मे इस दिल का क्या करे जो सिर्फ तुम्हारी उम्मीद लगाए बैठा है नहीं आती मुझे इम्प्रेस करने क्या कहु क्या करू चांद तोर के लाना तारो से बात करना कोसिस करूंगा लेकिन सिर्फ तुम्हारा हाय हो कर रहूंगा... सिर्फ तुम्हारा हाय हो कर रहूंगा... ©Dr kumar Shanu

#HappyRoseDay #drksy

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