हर सैय मैं तुम
जज्बात में तुम
उभरते हुए बिचार में तुम
तुम्हें ही ढूंढा था
तुम्हें ही पया हु
मै बुरा सही
तुम सबके प्यारे हो
मुझे परवा नहीं किसी की
तुम्हरी करता हूँ
गुजरे नहीं है अव 36 घंटे भी
हालात बहुत बुरे हैं अपने
होगे तुम बहुत के सपने
लग रहे तो सिर्फ हमारे अपने
30 सालो में मै तन्हा रहा
पाया तुमने मुझे
काहा काहा ना ढूंढा तुम्हें
इस गली उस नगर चौराहे पर
क्या हाय लिखु तुम पर
ये शब्द काम पर जायेंगे
मैं कुछ नहीं कह सकता
लेकिन मुस्किल है सच मी जीना तुम्हारे बिना
मांग लो जान दे दूंगा
तुम जो कहो वो भी कर दूंगा
सेना अधिकारी हु ना
जिद्दी बारा हू
तुम भी ऑफिसर की बेटी हो
जिद तुम्हें वभी विरासत में मिली होगी
लेकिन इस जहद्दोजाहद मे
इस दिल का क्या करे
जो सिर्फ तुम्हारी उम्मीद लगाए बैठा है
नहीं आती मुझे इम्प्रेस करने
क्या कहु क्या करू
चांद तोर के लाना
तारो से बात करना
कोसिस करूंगा
लेकिन सिर्फ तुम्हारा हाय हो कर रहूंगा...
सिर्फ तुम्हारा हाय हो कर रहूंगा...
©Dr kumar Shanu
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