White अध्यात्म के किलक बिंदु पर जाते ही देह तुम्हे | हिंदी Poetry

"White अध्यात्म के किलक बिंदु पर जाते ही देह तुम्हें त्याग देता है तब तुम हवा को मुठ्ठी मे बांध सकते हो नदी को स्वास के घर्षण से सोख सकते हो पहाड़ को एक फूक से पाट सकते हो हृदय की गिनती को रोक रूहों का विनयम कर सकते हो ये अवस्था इतना विकराल होता है कि त्रासदी को भी खा जाता है ©चाँदनी"

 White अध्यात्म के किलक बिंदु पर
जाते ही देह तुम्हें त्याग देता है

तब तुम हवा को मुठ्ठी मे
बांध सकते हो

नदी को स्वास के घर्षण से
सोख सकते हो

पहाड़ को एक फूक से
पाट सकते हो
 
हृदय की गिनती को रोक रूहों का
विनयम कर सकते हो

ये अवस्था इतना विकराल होता है कि
त्रासदी को भी खा जाता है

©चाँदनी

White अध्यात्म के किलक बिंदु पर जाते ही देह तुम्हें त्याग देता है तब तुम हवा को मुठ्ठी मे बांध सकते हो नदी को स्वास के घर्षण से सोख सकते हो पहाड़ को एक फूक से पाट सकते हो हृदय की गिनती को रोक रूहों का विनयम कर सकते हो ये अवस्था इतना विकराल होता है कि त्रासदी को भी खा जाता है ©चाँदनी

#अध्यात्म

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