समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा मैं हूँ सर | हिंदी शायरी

"समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा ©Sarita Malik Berwal"

 समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा 
मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा 
पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा 
अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा

©Sarita Malik Berwal

समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा ©Sarita Malik Berwal

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