तोड़ता रहा वो हरेक आईना जिसमें मेरी तस्वीर नजर आत | हिंदी शायरी

"तोड़ता रहा वो हरेक आईना जिसमें मेरी तस्वीर नजर आती है तोड़ लिए उसने सारे आईने घर के तब समझा कैसे मिटता अक्स मेरा नजर में नहीं जिगर में रहा बबली गुर्जर ©Babli Gurjar"

 तोड़ता रहा वो हरेक आईना 
जिसमें मेरी तस्वीर नजर आती है 
तोड़ लिए उसने सारे आईने घर के तब समझा 
कैसे मिटता अक्स मेरा नजर में नहीं जिगर में रहा
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

तोड़ता रहा वो हरेक आईना जिसमें मेरी तस्वीर नजर आती है तोड़ लिए उसने सारे आईने घर के तब समझा कैसे मिटता अक्स मेरा नजर में नहीं जिगर में रहा बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

अक्स@Ravi Ranjan Kumar Kausik @Mili Saha @R. Ojha @Anshu writer @Lalit Saxena @Neel

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