चाँद तारों को तकना तो कुछ भी नहीं रातों को ऎसे जगन | हिंदी Shayari

"चाँद तारों को तकना तो कुछ भी नहीं रातों को ऎसे जगना तो कुछ भी नहीं तड़पे थे राम भी जानकी के लिए फिर हमारा तड़पना तो कुछ भी नहीं ©Romil Shrivastava"

 चाँद तारों को तकना तो कुछ भी नहीं
रातों को ऎसे जगना तो कुछ भी नहीं
तड़पे  थे  राम  भी  जानकी  के  लिए
फिर हमारा तड़पना तो कुछ भी नहीं

©Romil Shrivastava

चाँद तारों को तकना तो कुछ भी नहीं रातों को ऎसे जगना तो कुछ भी नहीं तड़पे थे राम भी जानकी के लिए फिर हमारा तड़पना तो कुछ भी नहीं ©Romil Shrivastava

#NojotoRamleela जय सियाराम 🙏

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