White अरमां हजारों खुद के लिए हमने सजाए है
सर पर हाथ मेरी मां का और उसकी दुवाएं है
मुस्कुरा कर जो एक बार देख लूं तो कत्ल कर दूं हजारों का
आइना भी शरमाएगा मुझमें ऐसी अदाएं है
रुख बदलती है बहारें अंजुमन में मेरे आ जाने से
बरसती है घटाएं घनघोर मेरे जरा सा मुस्कुराने से
यकीन नही है तो मिलो अकेले मुझसे कभी वीराने में
मिल जाती है सारे जहां की खुशियां मेरे गुनगुनाने से
©Krishna Tripathi
सिर्फ तुम
#short_shyari