White पल्लव की डायरी
दुष्टों की दुष्टता आज रावण से भारी है
गैंग रेप और बदचलन की
प्रवर्तिया होती हावी है
हर साल जलाते बुराइयों के रावण
फिर भी हैवानियत के रावण पनप जाते है
कल्पना रामराज्य की
मगर कुछ संरक्षण सत्ता का पाते है
विजय पर्व है बुराइयों को जलाने का
जीत आदर्शो और अच्छाइयों को दिलाते है
चरित्र और नैतिकता निखरे जग में
मर्यादा में,राम की सब बंध जाते है
विजय स्वयं की बुराइयों पर पाओ
कब तक रावण यू ही फूकोगे
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Dussehra विजय स्वयं की बुराइयों पर पाओ,कब तक रावण यू ही फूकोगे
#nojotohhindi