जमाने की रंगत शख्शियत पे उतर आयी, मैंने कोशीशें न | हिंदी शायरी

"जमाने की रंगत शख्शियत पे उतर आयी, मैंने कोशीशें नाकाम की ख़ुद को ना बदलने की.! ©Mani"

 जमाने की रंगत शख्शियत पे उतर आयी, 
मैंने कोशीशें नाकाम की ख़ुद को ना बदलने की.!

©Mani

जमाने की रंगत शख्शियत पे उतर आयी, मैंने कोशीशें नाकाम की ख़ुद को ना बदलने की.! ©Mani

#quotation

People who shared love close

More like this

Trending Topic